Little Known Facts About how to do vashikaran-kaise hota hai.
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शीकरण साधना में किन चीजों की जरुरत होती है?
रतिप्रिया यक्षिणी : धन धन्य से भरपूर करने वाली यक्षिणी.
काला जादू - अगर किसी ने कुछ किया है तो क्या है उस जादू का तोड़
लक्ष्मी यक्षिणी : दिव्य रसायन देने वाली.
शाहतूर परी जब प्रकट होती है तो वातावरण सुंगंधित और शीतल हो जाता है.
It may involve bringing some object belonging to the specified individual, for example an write-up of apparel or maybe a lock of hair.
आज की पोस्ट में हम यक्षिणी साधना और शाहतूर परी साधना के बारे में जानते है.
आप रुद्राक्ष जैसे कुछ बचाव के साधन पहन सकते हैं, जो किसी भी किस्म की नकारात्मकता से सुरक्षा करते हैं।
इसमें विभिन्न यंत्र, तंत्र, और ताबीज का उपयोग किया जाता है.
Very first and initial, vashikaran needs to be executed with no suitable understanding. Talk to a reputed and veteran astrologer like Anil Astrologer. He's suggesting very simple and Harmless vashikaran procedures to bring solutions for enjoy challenges, relationship issues, and fiscal problems.
मान लीजिए आप रोजाना उस पर फूल चढ़ाते हैं या रोजाना एक बूंद जल या दूध या और कुछ चढ़ाते हैं, तो वह निश्चित रूप से जारी रहना चाहिए। अगर आप किसी सुबह भूल गए, तो वह आप पर क्रोधित हो सकता है। आप जानते हैं कि वह शिव है। मैं यह मजाक में नहीं कह रहा हूं। पारंपरिक रूप से आपको हमेशा कहा गया है कि अगर आप एक मूर्ति रखते हैं, तो मूर्ति की रोज देखभाल होनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते, वे घटती ऊर्जाओं में बदल जाते हैं। घटती ऊर्जाएं खतरनाक होती हैं। इस देश में ऐसा हो सकता है कि बहुत से मंदिर जो मानव कल्याण के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं, एक समय के बाद खतरनाक शक्तियों में बदल जाएं क्योंकि उनकी देखभाल का तरीका बदलने लगा है। विज्ञान पूरी तरह खत्म हो गया है और लोग वहां पर बेवकूफाना चीजें कर रहे हैं, धीरे-धीरे जब वह घटती ऊर्जाओं में बदल जाता है, तो वह लोगों की जिन्दगियों में तबाही ला सकता है।
ध्यानलिंग प्रक्रिया के असर से मुक्त किया शालिग्राम ने
सद्गुरु : देखिए, अगर आप किसी शिव-मंदिर के सामने की किसी दुकान में जाएं तो आप सौ शालिग्राम खरीद सकते हैं। लेकिन वे शालिग्राम नहीं होते, वे बस अंडाकार पत्थर होते हैं। आप जानते हैं कि जब बच्चे समुद्र तट पर या नदी किनारे जाते हैं, तो वहां पत्थर इकठ्ठा करना उन्हें अच्छा लगता है, यहां तक कि बड़ों को भी। इसलिए लाखों घरों में उस तरह के लाखों पत्थर हैं। वे सब शालिग्राम नहीं हैं। उनका बस आकार वैसा है, क्योंकि अधिकांश पत्थर नदी के बहते जल की वजह से वैसा आकार पा जाते हैं।
कृपा का सही मतलब क्या है और किस तरह से हम अपने आपको कृपा के लिये उपलब्ध करा सकते हैं? यहाँ सद्गुरु समझा रहे हैं कि कृपा कोई अमूर्त, गैरहाजिर विचार या कल्पना नहीं है पर ये एक जीवित शक्ति click here है जिसे हम अपने जीवन में आमंत्रित कर सकते हैं। वे आगे समझा रहे हैं कि कैसे हम अपने आपको कृपा का पात्र बना सकते हैं, और कृपा हमारे लिये क्या-क्या कर सकती है?